उसे रोने की इजाज़त न थी
वो मासूम था कुछ कह सके, ऐसी हालत न थी,
अपनों को जवाब देना उसकी आदत न थी,
चुप चाप बैग उठाया और काम पर चल दिया,
वो मर्द था उसे रोने की इजाज़त न थी।
© बदनाम बनारसी
वो मासूम था कुछ कह सके, ऐसी हालत न थी,
अपनों को जवाब देना उसकी आदत न थी,
चुप चाप बैग उठाया और काम पर चल दिया,
वो मर्द था उसे रोने की इजाज़त न थी।
© बदनाम बनारसी