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3 May 2023 · 1 min read

आखिर क्यूं?

क्यूं बात बात पर उसे,
लड़की होने का एहसास कराया जाता है
माना वो एक लड़की है,
पर क्या लड़की का कोई घर नहीं
क्या उसकी कोई इच्छाएं, कोई ख़्वाब नहीं
क्या इस संसार में उसे कोई अधिकार नहीं
क्या ये लड़कों का ही संसार है, हम लड़कियों का नहीं
क्या लड़के ही संसार का आधार है, हम लड़कियां नहीं

सारा जीवन खर्च कर दिया परिवार को संवारने में
खुदका अस्तित्व खो दिया परिवार को निखारने में
खुदको अधूरा छोड़ दिया सबको पूरा करने में
मगर फिर भी हमें हमेशा नीचे रखा जाता, क्यूं?

हां! अब थोड़ा बदलाव तो हुआ है
मगर अब भी लोगों की सोच पूरी तरह से विकसित नहीं हुई है
आज भी लड़की को लड़कों से नीचे माना जाता है
चाल चलन, तौर तरीके का उलहाना दिया जाता है चाहे फिर वो हंसी मजाक में ही क्यूं ना हो
लड़की चाहे कितना भी पढ़ लिख जाए
उसे आज भी खुद्से ज्यादा घर परिवार की जिम्मेदारियों का एहसास हर पल कराया जाता है
उसकी जिंदगी का अंतिम फ़ैसला हमेशा मर्द करता आया है।
~ Silent Eyes

Language: Hindi
1 Like · 651 Views
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