उसी पे फिर से मेरे दिल ने ऐतबार किया
1212-1122-1212-22/112
उसी पे फिर से मेरे दिल ने ऐतबार किया
कि ज़िंदगी को मेरी जिसने खाकसार किया/1
नसीब में वो हमारे नहीं था फिर भी क्यों
उसी से प्यार किया और बेशुमार किया/2
न वक्त लौटा न वो शख्स लौट कर आया
जो मेरा था नहीं उसका भी इन्तज़ार किया/3
किसी निज़ाम ने चूहे को मार कर देखो
कहा सभी से कि है शेर का शिकार किया/4
गुनाह छुपते रहेंगे यहाँ सियासत में
कि मछलियों को मगरमच्छ पर निसार किया/5
बचाते कैसे भला अपनी जात को ‘सागर’
किसी ने धोखा किया और बार बार किया/6