उससे मिलके कुछ ऐसा लगा
उससे मिलके कुछ ऐसा लगा
वो कुछ अपना अपना सा लगा
वो ज़ालिम होगा सोचा ना था
बहुत मासूम सा चेहरा लगा
इस कदर झूठ से भरे थे कान
सच सुना तो बहुत कड़वा लगा
बेवफ़ाई से तेरा कुछ नही बिगड़ा
बस तेरे किरदार पे एक धब्बा लगा
आज मैं जी भर के रोया ‘अर्श’
अब दिल का बोझ हल्का लगा