Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2023 · 1 min read

उसने रुह को चूम लिया

मैं फूल सा कोमल धूप पड़ते ही मुरझा गई थी,
समझ गए मेरे जज्बात उसने रुह को चूम लिया।

भावना में बहती हुई सरिता धार सी मैं विचलित,
वो सागर सा विशाल अपने में समाहित कर लिया।

क्षणिक दुख पर मैं व्याकुल होकर रोने लगी ,
वो पर्वत सा निडर आए तुफानों से खेल गए।

जब जब मैं ओस बन कर जमीं पर बिखरी ,
वो सूर्य बनाकर कर मुझे खुद में समेट लिया।

क्या फर्क पड़ता है मैं जज़्बात हूं ओस का बूंद हूं,
वो तो पुरुष है पुरूषार्थ से अपना बना लिया।

3 Likes · 1 Comment · 132 Views

You may also like these posts

नकारात्मक लोगो से हमेशा दूर रहना चाहिए
नकारात्मक लोगो से हमेशा दूर रहना चाहिए
शेखर सिंह
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
Jalaj Dwivedi
सबकुछ बिकेगा
सबकुछ बिकेगा
Sonam Puneet Dubey
ज़िंदा   होना   ही  काफी  नहीं ,
ज़िंदा होना ही काफी नहीं ,
Dr fauzia Naseem shad
सच
सच
Meera Thakur
ईश्वर से ...
ईश्वर से ...
Sangeeta Beniwal
कुछ तो बाकी है !
कुछ तो बाकी है !
Akash Yadav
कूच-ए-इश्क़ में मुहब्बत की कलियां बिखराते रहना,
कूच-ए-इश्क़ में मुहब्बत की कलियां बिखराते रहना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुंडलियां
कुंडलियां
seema sharma
शिक्षक सम्मान में क्या खेल चला
शिक्षक सम्मान में क्या खेल चला
gurudeenverma198
4280.💐 *पूर्णिका* 💐
4280.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"मुझे पता है"
Dr. Kishan tandon kranti
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Why Not Heaven Have Visiting Hours?
Why Not Heaven Have Visiting Hours?
Manisha Manjari
प्रेम
प्रेम
Satish Srijan
मन मूरख बहुत सतावै, पल भर चैन न पावै
मन मूरख बहुत सतावै, पल भर चैन न पावै
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
” जिंदगी ”
” जिंदगी ”
Rati Raj
*देकर ज्ञान गुरुजी हमको जीवन में तुम तार दो*
*देकर ज्ञान गुरुजी हमको जीवन में तुम तार दो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
काबा जाए कि काशी
काबा जाए कि काशी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हमनवा हमनवा
हमनवा हमनवा
दीपक झा रुद्रा
दोस्तों!
दोस्तों!
*प्रणय*
उपहार
उपहार
sheema anmol
श्याम - सलोना
श्याम - सलोना
Dr.sima
मनुष्य भी जब ग्रहों का फेर समझ कर
मनुष्य भी जब ग्रहों का फेर समझ कर
Paras Nath Jha
Truth 🧡
Truth 🧡
पूर्वार्थ
कवि को क्या लेना देना है !
कवि को क्या लेना देना है !
Ramswaroop Dinkar
हाथ से मानव मल उठाने जैसे घृणित कार्यो को छोड़ने की अपील करती हुई कविता छोड़ दो।
हाथ से मानव मल उठाने जैसे घृणित कार्यो को छोड़ने की अपील करती हुई कविता छोड़ दो।
Dr. Narendra Valmiki
बहु बहु रे बयार।
बहु बहु रे बयार।
Kumar Kalhans
आतंकवाद
आतंकवाद
मनोज कर्ण
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-146 के चयनित दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-146 के चयनित दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...