उसके सुंदर रस, रंग, रूप ने मारा l
उसके सुंदर रस, रंग, रूप ने मारा l
पर गुनाह तो है, मन का सारा सारा ll
उस सहज प्यारी न्यारी प्यास के आगे l
कुछ भी नहीं कर सका, ये मन बेचारा ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
उसके सुंदर रस, रंग, रूप ने मारा l
पर गुनाह तो है, मन का सारा सारा ll
उस सहज प्यारी न्यारी प्यास के आगे l
कुछ भी नहीं कर सका, ये मन बेचारा ll
अरविन्द व्यास “प्यास”