उसके लिए।
रद़ीफ-उसके लिए।
हैं सारे के सारे रहमों करम सिर्फ उसके लिए,
इश्क पहुंचा मेरा, सीमा-चरम सिर्फ उसके लिए।
है आमो-खास जिंदगी का फलसफा,उसके लिए,
हम तो घूमते रहे हो बदहवास,सिर्फ उसके लिए।
है ज़ीस्त मोशिकी का अंदाज सिर्फ उसके लिए,
और हम तो बज रहें हैं बनकर साज़ उसके लिए,।
लोग सज़दा ख़ुदा का करते हैं रोज़ मज़ारों पे,
हम रोज पढ़ते आयतें और नमाज उसके लिए।
मैं वारदूं कज़ा के सारे तख्त ताज़,उसके लिए,
है नीलम दीदार की मोहताज,सिर्फ उसके लिए।
सब उसको ख़ुदा समझते,हैं लब खामोश किसके लिए
दिल किसी का न टूटे नीलम येरखना तू राज़ उसके लिए,
नीलम शर्मा