Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jun 2024 · 1 min read

उसके जाने से

उसके जाने से,
हृदय विदीर्ण होगा
जीवन संकीर्ण होगा
कलेजा फटता हुआ प्रतीत होगा
सांसें धीमी और शरीर सुन्न होगा
पर आंखों से केवल सैलाब बहेगा
और जिस्म में जान तब भी रहेगा।

तुम्हारे होठ सिल जाएंगे
नींद आंखों को अलविदा कह जाएंगे
और दिल की जगह पत्थर भर जाएंगे
अजीब सी बैचेनी तुम्हें महसूस होगी
और तुम्हारी सांसें तुम्हारे लिए बोझ बन जाएंगी
पर ये धड़कनें तब भी चलती रहेंगी
और जिस्म में जान तब भी रहेगा।

तुम्हारे दिलों दिमाग में विरानापन कुछ यूँ सजेगा
कि दुनिया के हर कोने में तुम्हें सूनापन दिखेगा,
जीवन से ख़ुबसूरत मौत का मंजर लगेगा
पानी से तर रहोगे पर गला सूखा ही रहेगा
नसें फटने को आमदा होंगी
पर रक्त संचरण तब भी होता रहेगा
और जिस्म में जान तब भी रहेगा।

उसके जाने से तुम थम जाओगे
पर वक़्त चलता रहेगा
विरह के दर्द से तुम मर जाओगे
पर तुम्हें जीना पड़ेगा
क्यूंकि जिस्म में जान तब भी रहेगा,
क्यूंकि जिस्म में जान तब भी रहेगा।।
-©®Shikha

3 Likes · 79 Views

You may also like these posts

परिवर्तन का मार्ग ही सार्थक होगा, प्रतिशोध में तो ऊर्जा कठोर
परिवर्तन का मार्ग ही सार्थक होगा, प्रतिशोध में तो ऊर्जा कठोर
Ravikesh Jha
बासी रोटी भी हो तो
बासी रोटी भी हो तो
shabina. Naaz
लक्ष्मी-पूजन
लक्ष्मी-पूजन
कवि रमेशराज
*निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा*-लोरी
*निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा*-लोरी
Poonam Matia
त्रिभंगी छंद, वीरों को समर्पित
त्रिभंगी छंद, वीरों को समर्पित
Annapurna gupta
*सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई*
*सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
manjula chauhan
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कह्र   ...
कह्र ...
sushil sarna
"मेरी इतनी सी अभिलाषा है"
राकेश चौरसिया
हिंग्लिश में कविता (भोजपुरी)
हिंग्लिश में कविता (भोजपुरी)
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
चाहत
चाहत
Bodhisatva kastooriya
ज़माना
ज़माना
अखिलेश 'अखिल'
इस शहर में
इस शहर में
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कुछ दर्द कुछ खुशियां
कुछ दर्द कुछ खुशियां
Sunil Maheshwari
मॉर्निंग वॉक
मॉर्निंग वॉक
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का
हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का
Nazir Nazar
3069.*पूर्णिका*
3069.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शे
शे
*प्रणय*
नारी शक्ति
नारी शक्ति
Rajesh Kumar Kaurav
बादलों की, ओ.. काली..! घटाएं सुनो।
बादलों की, ओ.. काली..! घटाएं सुनो।
पंकज परिंदा
#प्रियवर खोये हो कहाँ
#प्रियवर खोये हो कहाँ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
कितना आसान है मां कहलाना,
कितना आसान है मां कहलाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अगर कभी तुम्हारे लिए जंग हो जाए,
अगर कभी तुम्हारे लिए जंग हो जाए,
Jyoti Roshni
अंजान बनते हैं वो यूँ जानबूझकर
अंजान बनते हैं वो यूँ जानबूझकर
VINOD CHAUHAN
डिप्रेशन में आकर अपने जीवन में हार मानने वाले को एक बार इस प
डिप्रेशन में आकर अपने जीवन में हार मानने वाले को एक बार इस प
पूर्वार्थ
भक्त कवि स्वर्गीय श्री रविदेव_रामायणी*
भक्त कवि स्वर्गीय श्री रविदेव_रामायणी*
Ravi Prakash
" दिल "
Dr. Kishan tandon kranti
नारी बिन नर अधूरा🙏
नारी बिन नर अधूरा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कब किसी बात का अर्थ कोई,
कब किसी बात का अर्थ कोई,
Ajit Kumar "Karn"
Loading...