Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2024 · 1 min read

उसके जाने से

उसके जाने से
यह घर खाली हो गया
कोना कोना सुनसान हो
गया
आबाद इलाके में भी
चहुं ओर वीरानगी का
बसेरा हो गया
कुछ लोगों को तो
जब कोई होता है
तब भी
सब चला जाये
यह दुनिया छोड़कर
तब भी
कोई फर्क नहीं पड़ता
लेकिन
जो लोग एक पल भी न रह
पाते हों
किसी के होते
उन्हें बिना देखे
जब वह नहीं रहते तो
उनके दिल पर
जैसे चला रहा हो कोई तीर
उनका दिल छलनी
करते हुए सा
बुरा असर होता है।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
90 Views
Books from Minal Aggarwal
View all

You may also like these posts

वाणी में शालीनता ,
वाणी में शालीनता ,
sushil sarna
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
Neeraj Agarwal
हासिल-ए-ज़िंदगी फ़क़त,
हासिल-ए-ज़िंदगी फ़क़त,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
VINOD CHAUHAN
दोहा
दोहा
Sudhir srivastava
जीवन रथ के दो पहिए हैं, एक की शान तुम्हीं तो हो।
जीवन रथ के दो पहिए हैं, एक की शान तुम्हीं तो हो।
सत्य कुमार प्रेमी
कल्पित
कल्पित
Mamta Rani
मधुर गीत
मधुर गीत
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
#यदि . . . !
#यदि . . . !
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
माँ
माँ
meenu yadav
"मदहोश"
Dr. Kishan tandon kranti
3944.💐 *पूर्णिका* 💐
3944.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Success Story -3
Success Story -3
Piyush Goel
हाथों में हैं चूड़ियाँ,
हाथों में हैं चूड़ियाँ,
Aruna Dogra Sharma
वृंदावन की कुंज गलियां 💐
वृंदावन की कुंज गलियां 💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जो हैं आज अपनें..
जो हैं आज अपनें..
Srishty Bansal
आज कहानी कुछ और होती...
आज कहानी कुछ और होती...
NAVNEET SINGH
****तुलसीदास****
****तुलसीदास****
Kavita Chouhan
जिसकी भी आप तलाश मे हैं, वह आपके अन्दर ही है।
जिसकी भी आप तलाश मे हैं, वह आपके अन्दर ही है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
धार्मिक होने का मतलब यह कतई नहीं कि हम किसी मनुष्य के आगे नत
धार्मिक होने का मतलब यह कतई नहीं कि हम किसी मनुष्य के आगे नत
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
खोया है हरेक इंसान
खोया है हरेक इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"दो पल की जिंदगी"
Yogendra Chaturwedi
तुमने सोचा तो होगा,
तुमने सोचा तो होगा,
Rituraj shivem verma
ब्रज के एक सशक्त हस्ताक्षर लोककवि रामचरन गुप्त +प्रोफेसर अशोक द्विवेदी
ब्रज के एक सशक्त हस्ताक्षर लोककवि रामचरन गुप्त +प्रोफेसर अशोक द्विवेदी
कवि रमेशराज
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
Mamta Singh Devaa
..
..
*प्रणय*
स्वार्थ चाहे किसी भी प्रकार का हो, हमेशा दुखदाई होता है। अतः
स्वार्थ चाहे किसी भी प्रकार का हो, हमेशा दुखदाई होता है। अतः
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
अभी गनीमत है
अभी गनीमत है
शेखर सिंह
दिल जल रहा है
दिल जल रहा है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कविता ---- बहते जा
कविता ---- बहते जा
Mahendra Narayan
Loading...