Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2023 · 1 min read

उसकी ज़ुल्फे…

उसकी ज़ुल्फों में खुशबू थी फैलीं थी
उसकी ज़ुल्फों में चुपा है अमृत का प्याला,
उसकी आँखों में चमक थी झलकती।
सब कुछ भूल जाता है वो जब मुस्कुराती
उसकी ज़ुल्फों में छुपी है खुशबू गुलाबों की,
पर उसके मन में अंधेरा था,
समझ नहीं पाता था वह क्यों रोती।
जिसे महसूस करती है वो, हो जाता है दीवाना।
उसकी ज़ुल्फों में खुशबू थी फैली,
उसकी आँखों में चमक थी झलकती।
उसकी ज़ुल्फों से झलकती हैं नई सोचों की किरणें,
बदल जाता है सब कुछ जब उससे कोई मिला ले नजरे
जिसने सोचा, जिसने समझा,
कि जिंदगी के साथ होते हैं दुख-सुख।
उसकी ज़ुल्फों के झोंके से मचल जाती हैं ज़िन्दगी की सारी बेचैनियाँ,
जो महसूस करता है उसे, हो जाता है उससे प्यार का इजहार..!!!

~विशाल बाबू ✍️✍️✍️

Language: Hindi
Tag: Poem
92 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरी गुड़िया (संस्मरण)
मेरी गुड़िया (संस्मरण)
Kanchan Khanna
बैठा हूँ उस राह पर जो मेरी मंजिल नहीं
बैठा हूँ उस राह पर जो मेरी मंजिल नहीं
Pushpraj Anant
बहुत उम्मीदें थीं अपनी, मेरा कोई साथ दे देगा !
बहुत उम्मीदें थीं अपनी, मेरा कोई साथ दे देगा !
DrLakshman Jha Parimal
मैने वक्त को कहा
मैने वक्त को कहा
हिमांशु Kulshrestha
पन्नें
पन्नें
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
अपनी अपनी सोच
अपनी अपनी सोच
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
अभिमानी सागर कहे, नदिया उसकी धार।
अभिमानी सागर कहे, नदिया उसकी धार।
Suryakant Dwivedi
एक है ईश्वर
एक है ईश्वर
Dr fauzia Naseem shad
चार दिन की जिंदगानी है यारों,
चार दिन की जिंदगानी है यारों,
Anamika Tiwari 'annpurna '
मां की अभिलाषा
मां की अभिलाषा
RAKESH RAKESH
रास्ते और राह ही तो होते है
रास्ते और राह ही तो होते है
Neeraj Agarwal
प्रेम पर्व आया सखी
प्रेम पर्व आया सखी
लक्ष्मी सिंह
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
Santosh Shrivastava
"चाँद बीबी"
Dr. Kishan tandon kranti
किन्नर-व्यथा ...
किन्नर-व्यथा ...
डॉ.सीमा अग्रवाल
दोहा मुक्तक
दोहा मुक्तक
sushil sarna
*वरमाला वधु हाथ में, मन में अति उल्लास (कुंडलियां)*
*वरमाला वधु हाथ में, मन में अति उल्लास (कुंडलियां)*
Ravi Prakash
मैंने खुद के अंदर कई बार झांका
मैंने खुद के अंदर कई बार झांका
ruby kumari
नदी किनारे
नदी किनारे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
....ऐ जिंदगी तुझे .....
....ऐ जिंदगी तुझे .....
Naushaba Suriya
काजल
काजल
SHAMA PARVEEN
Insaan badal jata hai
Insaan badal jata hai
Aisha Mohan
छोड़कर जाने वाले क्या जाने,
छोड़कर जाने वाले क्या जाने,
शेखर सिंह
खानदानी चाहत में राहत🌷
खानदानी चाहत में राहत🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
#प्रेरक_प्रसंग-
#प्रेरक_प्रसंग-
*प्रणय प्रभात*
मुझे तेरी जरूरत है
मुझे तेरी जरूरत है
Basant Bhagawan Roy
बगिया* का पेड़ और भिखारिन बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
बगिया* का पेड़ और भिखारिन बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
हे महादेव
हे महादेव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
Govind Kumar Pandey
मेरे गली मुहल्ले में आने लगे हो #गजल
मेरे गली मुहल्ले में आने लगे हो #गजल
Ravi singh bharati
Loading...