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26 Nov 2020 · 1 min read

उसकी आँखों में निहाँ प्यार से ख़ुश्बू आये

उसकी आँखों में निहाँ प्यार से ख़ुश्बू आये
उसकी ज़ुल्फ़ों के हरिक तार से ख़ुश्बू आये

हो चमन एक जहां फूल खिले उल्फ़त का
और जो मौज़ूद हैं हर ख़ार से ख़ुश्बू आये

इक ख़ुमारी सी है इस पार के लोगों में अजब
कोई अन्जान सी उस पार से ख़ुश्बू आये

सीधा सादा सा फ़कीरों की तरह रहता है
उसका घर ख़ास है दीवार से ख़ुश्बू आये

है समाया ही हुआ नूर ख़ुदा का बेशक़
है वही एक तो अनवार से ख़ुश्बू आये

वो शिफ़ा दे कि मुझे मर्ज़ सभी हों ग़ायब
और आनन्द के बीमार से ख़ुश्बू आये

शब्दार्थ:- अनवार=रोशनी/नूर की जमा,
शिफ़ा=रोगमुक्त करने की क्षमता/आरोग्य

~ डॉ आनन्द किशोर

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