उसका दुःख
मेरी प्रतिक्रिया पाकर उसे
भारी दुःख पहुँचा था इस बार
वह मेरी प्रतिक्रियाओं में
सुख को पाने पालने का अभ्यासी था
पेड़ से गिर बिना खजूर पर अटके
धरती को धम्म से चूमना उसकी
अस्वाभाविक प्राप्ति थी अबकी!
स्वभाव में जीते हुए
स्वभाव से परे असहज पाने की
उसे तैयारी रखनी थी जबकि!