Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Mar 2022 · 2 min read

उल्फ़ते मोहब्बत में उसकी हम।

उल्फ़ते मोहब्बत में उसकी हम पतंगों की तरह जल जाएंगे।
गर आया तूफान भी तो हम परिंदों की तरह ना उड़ कर जाएंगे।।1।।

मत दो इतनी भी चाहत ए सनम यूँ इश्क में हमकों।
कि बारिश आने पर रेत के घरौंदों की तरह हम यूं ही डह जाएंगे।।2।।

इतनी खूलूश-ए-मोहब्बत में मेरे महबूब तेरी तो हम।
तेरे घर पर हम बिन बुलाए मेहमानों की तरह आकर ठहर जाएंगे।।3।।

जिंदगी में अगर कभी फंस गया तू कही पर मेरे जां नशीं।
तो तुझको बचाने की खातिर हम झूठ के पुलिंदों की तरह बंध जाएंगें।।4।।

कबसे खड़े हैं हम मोहल्ले में तेरे घर की सामनें वाली गली में।
इशारा दो अब हमें जानें का लफंगों की तरह कल फिर आएंगे।।5।।

खामोश हैं हम बड़े तेरे हर इक लगाए मुझ पर इल्जाम पर।
अब इतनी भी हदे पार ना करो कि हम गैरों की तरह लड़ जाएँगे।।6।।

अभी अभी तो हुआ हैं इश्क मेरे दिले नादाँ को आपसे।
इतना हक़ जताओगे तो हम खाविंदो की तरह तुम्हारे हो जायंगे।।7।।

कभी शक मत करना वतन परिस्ती पर ऐ मेरे दोस्तों।
देखने आना इक दिन तिरंगे में लिपट कर जब हम अपने घर आएगें।।8।।

सोच समझकर बोला कर तू हमेशा यहां की आवाम में।
तेरे अल्फ़ाज हैं दंगों की तरह ये सारे शहर में यूं ही फैल जाएंगें।।9।।

आ कहीं साथ में दूर चले पहाड़ों पर रात ठहरने के लिए।
सुबह आफताब-ए-रोशनी में चांदी की बूदों की तरह झिलमिलायेंगे।।10।।

यह धुआँ-धुआँ सा क्या उठ रहा है वहाँ आसमानों पर।
आ चले सभी मिलके उस उजड़ी बस्ती में लोंगों को फिर से बसाएंगे।।11।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

109 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all

You may also like these posts

स्कंदमाता
स्कंदमाता
मधुसूदन गौतम
संस्कार में झुक जाऊं
संस्कार में झुक जाऊं
Ranjeet kumar patre
प्रयागराज में तैयारी के दौरान की गई पनीर पार्टी कभी भुलाई नह
प्रयागराज में तैयारी के दौरान की गई पनीर पार्टी कभी भुलाई नह
Rituraj shivem verma
अपनी भूलों से नहीं,
अपनी भूलों से नहीं,
sushil sarna
रात का सफ़र भी तय कर लिया है,
रात का सफ़र भी तय कर लिया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
****** मन का मीत  ******
****** मन का मीत ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चन्द्रयान 3
चन्द्रयान 3
Jatashankar Prajapati
पूछा किसी ने..
पूछा किसी ने..
हिमांशु Kulshrestha
आजा मेरे दिल तू , मत जा मुझको छोड़कर
आजा मेरे दिल तू , मत जा मुझको छोड़कर
gurudeenverma198
"बस्तर के मड़ई-मेले"
Dr. Kishan tandon kranti
'वर्क -ए - ' लिख दिया है नाम के आगे सबके
'वर्क -ए - ' लिख दिया है नाम के आगे सबके
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
इस नदी की जवानी गिरवी है
इस नदी की जवानी गिरवी है
Sandeep Thakur
अतिथि देवोभवः
अतिथि देवोभवः
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मोबाइल फोन
मोबाइल फोन
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
लावारिस
लावारिस
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
बच्चों का मेला
बच्चों का मेला
अरशद रसूल बदायूंनी
*चांद नहीं मेरा महबूब*
*चांद नहीं मेरा महबूब*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
इठलाते गम पता नहीं क्यों मुझे और मेरी जिंदगी को ठेस पहुचाने
इठलाते गम पता नहीं क्यों मुझे और मेरी जिंदगी को ठेस पहुचाने
Chaahat
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
सत्य कुमार प्रेमी
घनाक्षरी
घनाक्षरी
surenderpal vaidya
चाय पीने से पिलाने से नहीं होता है
चाय पीने से पिलाने से नहीं होता है
Manoj Mahato
मैं मेरा घर मेरा मकान एक सोच
मैं मेरा घर मेरा मकान एक सोच
Nitin Kulkarni
When you learn to view life
When you learn to view life
पूर्वार्थ
23/40.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/40.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Kp
Kp
Aasukavi-K.P.S. Chouhan"guru"Aarju"Sabras Kavi
प्रकृति की चेतावनी
प्रकृति की चेतावनी
Indu Nandal
"" *आओ गीता पढ़ें* ""
सुनीलानंद महंत
वो पेड़ को पकड़ कर जब डाली को मोड़ेगा
वो पेड़ को पकड़ कर जब डाली को मोड़ेगा
Keshav kishor Kumar
#सारे_नाते_स्वार्थ_के 😢
#सारे_नाते_स्वार्थ_के 😢
*प्रणय*
Loading...