उल्लू महाराज की पूजा
कविता
उल्लू महाराज की पूजा
-बीजेन्द्र जैमिनी
माँ लक्ष्मी जी की सवारी
उल्लू महाराज
यह सभी जानते है
माँ की रोज-रोज पूजा देख कर
उल्लू महाराज जी नाराज हो जाते है
माँ को पता चला
उल्लू महाराज का दर्द
देख कर
माँ बेचैन हो गई
उल्लू महाराज को दरबार में बुलवाया
और समझाया
परन्तु उल्लू महाराज जी
अपना रोष जारी रखते है
गुस्सें में
माँ ने बिना सोचे समझे
उल्लू महाराज को आर्शिवाद प्रदान कर दिया
साल में एक दिन आप की पूजा होगी
मेरे सहित सभी नारियाँ
आप की पूजा करेगी
सभी देवता चौक पड़ते है
और बोले-
ये कैसे सम्भव है
माँ बोली-
नारी
करवा चौथ के व्रत बिना अधूरी रहेगी
यह व्रत पतियों की
लम्बी आयु के लिए होगा
जो उल्लू महाराज की पूजा के सामान होगा
सभी देवताओ ने आर्शीशीवाद दिया
तदाः अस्तु !