Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Nov 2023 · 1 min read

– उलझा हुआ सवाल है लड़को की ज़िंदगी –

– उलझा हुआ सवाल है लड़को की ज़िंदगी –

खुलकर रो नही सकते,
अपने आंसुओ को पी जाते है,
बयां किसी से नही कर पाते है,
दिल का दर्द सीने में ही सह जाते है,
धोखा मिलता है अगर प्यार में उन्हें,
चाहे हो महबूबा या चाहे परिवार,
अकेले में रोते है पर किसी को आंसू नही बताते है,
मां की साड़ी, पिता की दवाई,
भाई की पढ़ाई , बहन के लिए अपना फर्ज ,
वे बखूबी निभाते है,
फिर भी समय आने पर लड़के नकारे जाते है,
किसी पतंग के उलझे हुए डोर की तरह होती है उनकी जिंदगी,
भरत के मायने से उलझा हुआ सवाल है लड़को की जिंदगी,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क -7742016184

Language: Hindi
109 Views

You may also like these posts

आबो-हवा बदल रही  है आज शहर में ।
आबो-हवा बदल रही है आज शहर में ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बाढ़
बाढ़
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
संगीत
संगीत
Vedha Singh
4692.*पूर्णिका*
4692.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
आम आदमी की दास्ताँ
आम आदमी की दास्ताँ
Dr. Man Mohan Krishna
Gujarati Poetry | The best of Gujarati kavita & poet | RekhtaGujarati
Gujarati Poetry | The best of Gujarati kavita & poet | RekhtaGujarati
Gujarati literature
कटी गर्दन तलवार के तेज धार से अनुराग के हत्यारे को फांसी दो फांसी दो।
कटी गर्दन तलवार के तेज धार से अनुराग के हत्यारे को फांसी दो फांसी दो।
Rj Anand Prajapati
*यौगिक क्रिया सा ये कवि दल*
*यौगिक क्रिया सा ये कवि दल*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैं सोचता हूँ आखिर कौन हूॅ॑ मैं
मैं सोचता हूँ आखिर कौन हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
Dr Tabassum Jahan
एक तरफे इश्क़ के आदि लोग,
एक तरफे इश्क़ के आदि लोग,
ओसमणी साहू 'ओश'
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
Lokesh Sharma
इश्क़ अब बेहिसाब........, है तो है..!
इश्क़ अब बेहिसाब........, है तो है..!
पंकज परिंदा
*मर्यादा*
*मर्यादा*
Harminder Kaur
सच दिखाने से ना जाने क्यों कतराते हैं लोग,
सच दिखाने से ना जाने क्यों कतराते हैं लोग,
Anand Kumar
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
पूर्वार्थ
" इसलिए "
Dr. Kishan tandon kranti
तुझसे उम्मीद की ज़रूरत में ,
तुझसे उम्मीद की ज़रूरत में ,
Dr fauzia Naseem shad
वो लड़का
वो लड़का
bhandari lokesh
तुम्हारी खूब़सूरती क़ी दिन रात तारीफ क़रता हूं मैं....
तुम्हारी खूब़सूरती क़ी दिन रात तारीफ क़रता हूं मैं....
Swara Kumari arya
बेख़्वाईश ज़िंदगी चुप क्यों है सिधार गयी क्या
बेख़्वाईश ज़िंदगी चुप क्यों है सिधार गयी क्या
Kanchan Gupta
बहराइच की घटना पर मिली प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि लोहिया
बहराइच की घटना पर मिली प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि लोहिया
गुमनाम 'बाबा'
आम के छांव
आम के छांव
Santosh kumar Miri
*रिमझिम-रिमझिम बारिश यह, कितनी भोली-भाली है (हिंदी गजल)*
*रिमझिम-रिमझिम बारिश यह, कितनी भोली-भाली है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
हर कोई समझ ले,
हर कोई समझ ले,
Yogendra Chaturwedi
..
..
*प्रणय*
ज़िंदगी तुझसे कहां जी भरता है
ज़िंदगी तुझसे कहां जी भरता है
Kanchan verma
राह कोई नयी-सी बनाते चलो।
राह कोई नयी-सी बनाते चलो।
लक्ष्मी सिंह
Loading...