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5 Mar 2024 · 1 min read

– उलझने –

– उलझने –
जीवन में आती है,
जीवन को उलझाती है,
अपने पराए का भेद कराती है,
मुसीबत में कौन है हमारे साथ,
इसका भान कराती है,
जीवन में जब भी उलझने आती है,
मानव को दहलाती है,
मानव को मुसीबत में काम आने वालो से भेट कराती है,
मुसीबत में पांव पीछे धरने वाले साथ छोड़ने वाले का आभास कराती है,
उलझने जब आती है मानव को बहुत सिखाती है,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान

Language: Hindi
54 Views

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