उम्र ने लकीरें खींच दी है वर्ना
उम्र ने लकीरें खींच दी है वर्ना
किसी दर पर हम भी देते धरना
शीरीं-फरहाद रहे होंगे कभी कहीं, अरे
हम भी खोद देते प्यार का एक झरना
~सिद्धार्थ
उम्र ने लकीरें खींच दी है वर्ना
किसी दर पर हम भी देते धरना
शीरीं-फरहाद रहे होंगे कभी कहीं, अरे
हम भी खोद देते प्यार का एक झरना
~सिद्धार्थ