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9 Dec 2023 · 1 min read

उम्मीद

क्यो उम्मीद लगाए तुमसे, तुम लगते हो मेरे क्या।
तुमको चाहा तुमको पूजा, क्या वो मेरा लालच ही था।।1।।

क्यो उम्मीद लगाए तुमसे, तुम होते हो मेरे क्या।
तुमको देखा तुमको माना, क्या वो मेरा पागलपन था।।2।।

क्यो उम्मीद लगाए तुमसे, तुम मेरे हो आपने क्या।
तुममे देखा मेने खुद को, क्या वो मेरी हमदर्दी थी।।3।।

क्यो उम्मीद लगाए तुमसे, तुम अपने हो मेरे क्या।
तुममे देखा प्यार अनोखा, क्या वो मेरा भोलापन था।।4।।

क्यो उम्मीद लगाए तुमसे, तुमको मुझसे मतलब क्या।
बेमतलब का प्यार हमारा, क्या वो मेरी खुदगर्जी थी।।5।।

क्यो उम्मीद लगाए तुमसे, तुम सबके हो मेरे क्या।
सब की चिन्ता तुमको रहती, क्या मैं ही बस पागल था।।6।।

क्यो उम्मीद लगाए तुमसे, तुमको मेरे दर्दो से क्या।
तुझको दिए अधिकार सभी, क्या वो मेरा मतलब ही था।।7।।

Language: Hindi
272 Views
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