उम्मीदों के रास्ते
दिन रात गुजरती जिन्दगी मे
लाख कोशिशों के बावजूद
मिले नही कभी कहीं
रास्ते , अपनी उम्मीदों के ।
बचपन से लेकर आजतक
आंखों मे तैरते मुस्कराते
आधे अधूरे कई ख्वाब
हमने भी देखे, जिन्दगी के ।
मिलती रही है सजा
बार बार उन गुनाहों की
किये नही थे जो कभी हमने
दायरे मे, होशो हवास के ।
छुपा है गमो का सैलाब
दिल की गहराईयों मे
डर लगता है कहीं आंखों से
निकल न जाये, कभी छलक के ।
राज विग 24.06.2021