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1 May 2021 · 1 min read

उम्मीदें जीवन का आधार हैं

उम्मीदें जीवन का आधार
**********************

उम्मीदें जीवन का आधार है,
पल में हो जाता बेड़ा पार है।

मन में छल कपट आ जाए,
नहीं होता कहीं भी उद्धार है।

सपनों के पंख लग जाएं तो,
सुन्दर लगता सारा संसार है।

गृह स्वर्ग तुल्य हो जाता है,
जुड़ जाता सारा परिवार है।

किसी को भी न तंग कीजिए,
जिन्दा रहने का अधिकार है।

बनता काम बिगड़ जाता है,
सिर पर लटकती तलवार है।

जंग जीती हुई भी हार जाते,
मौके पर डालते हथियार हैं।

बाल भी बांका ना कर पाए,
पल पल रहता खबरदार है।

बाड़ भी खेत को खा जाती,
गर हों धोखेबाज पहरेदार हैं।

मनसीरत तीर्थ घर में नहाएं,
संताने जिनकी समझदार हैं।
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 429 Views
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