उमस भरी रात
ओ मेरी जान
उमस भरी रात
की है वो बात
तेरी मेरी थी
पहली मुलाकात
तभी तो पटी
ऐ दिलजानीं
मत बनो अंजान
तू मेरी रानी
झूठा प्रेम था
बदल गई तुम
मैं ना बदला
भूल गई तू
पर मुझे याद है
सही बोला ना
बोलो डार्लिंग
अब सुना कहानी
ये कैसा लगा
मेरी हाईकु
ठीक लगा मेरी जाँ
बोलो कैसा है
बोलो न जान
मस्त है न कहानी
अब बताओ
कैसी हो तुम
तुम तो भूल गई
मैं नहीं भूला
आई लव यू
कल भी था रहेगा
मेरी ओर से
तेरा ना पता
तुम क्या चाहती हो
प्रेम जुदाई
कवि – डॉ० मनमोहन कृष्ण
समय – 11 : 23 (रात्रि)
तारीख – 16/07/2024