उपहार (जन्मदिन पर कविता)
जन्मदिन की इस शुभ बेला पर,
क्या मैं दूँ उपहार तुझे,
सब उपहार हैं फीके,
तेरे सुन्दर से मुखड़े के आगे,
हर पल, हर क्षण करती हूँ,
मैं यही दुआ बस तेरे लिये,
कभी न पढ़े दुःख की छाया,
तेरे जीवन के आँगन में,
महकती रहें सुन्दर सी कलियाँ,
वन-वन फूल भाँती-भाँती के,
अपने मृगशोना को क्या दूँ,
यह न समझ में आता मुझको,
बस स्वीकार करना तू,
मेरे मन के गहरे भावों को,
इन भावों में छुपे हुए हैं,
सुन्दर प्यारे आशीष मेरे|