Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2021 · 2 min read

उपन्यासकार ‘बनफूल’ की असली जन्मभूमि को लोग भूल गए हैं !

बांग्ला उपन्यासकार पद्मभूषण ‘बनफूल’ की असली जन्मभूमि को लोग भूल गए हैं ! कटिहार जिला, बिहार के मनिहारी के कुछ हिस्से के जमींदार सत्तो बाबू के यहाँ डॉक्टर फूलो यानी फूलो बाबू यानी बलाई चंद मुखर्जी व बीसी मुखोपाध्याय का जन्म मनिहारी में उनके पुत्र के रुप में 19 जुलाई 1899 को हुआ था । डॉक्टरी की पढ़ाई पीएमसीएच, पटना से पूर्ण की, जो कि उस समय कलकत्ता विश्वविद्यालय के अभिन्न अंग थे ! सरकारी चिकित्सक के रूप में पोस्टिंग अज़ीमगंज, भागलपुर में पाई और कई बरस वहाँ बिताए । कभी इसी भागलपुर में ‘देवदास’ वाले शरतचंद्र का बचपन बीता था, शायद लेखन का चस्का इसी के सापेक्ष प्रतिबद्ध हुआ होगा, अतिशयोक्ति नहीं मानी जा सकती !

बांग्ला लेखक होने के नाते कालांतर में कोलकाता बस गए, किन्तु उनकी कहानियों और उपन्यासों, यथा- भुवन शोम, हाटे बज़ारे आदि पर राष्ट्रीय पुरस्कृत फिल्में, तो फ़िल्म फ़ेयर पुरस्कृत फ़िल्म ‘अर्जुन पंडित’ काफी चर्चित रही, जो कि मनिहारी, साहिबगंज, भागलपुर की क्षेत्रीय कथाओं व घटनाओं से ही जुड़ी रहती थी । सर्च इंजन गूगल और उनके जन्मभूमि के होने के नाते मेरे अन्वेषण के अनुसार, बनफूल ने 600 से अधिक कहानियाँ, 60 से अधिक उपन्यास, 6 से अधिक नाटक तथा असंख्य व अलिपिबद्ध कविताएं तथा अन्य विधाओं में रचनाएँ सृजित की । किन्तु मैंने उनकी सिर्फ़ एक दर्जन ही मूल किताबें देखी हैं, शेष नहीं ! ‘भुवन शोम’ का आंग्ल संस्करण मेरे पास अब भी है।

मृत्यु (9 फरवरी 1979) से पूर्व ही उन्हें भारत सरकार की ओर ‘साहित्य एवं शिक्षा’ व बिहार कोटे से 1975 में ‘पद्म भूषण’ मिला, जो कि उस वर्ष पद्म अवार्ड की क्रम संख्या में 10वें नम्बर पर थे । उन्हें रवीन्द्र पुरस्कार और काज़ी नजरुल इस्लाम पुरस्कार भी प्राप्त है । सन 1999 में बनफूल की जन्म-शताब्दी थी और उस वक्त केंद्र में वाजपेयी सरकार थी, जिनमें ममता बनर्जी ‘रेल मंत्री’ थी। चूँकि बनफूल की कई रचनाएँ प. बंगाल सहित बांग्लादेश के कक्षा -पाठ्यक्रमों में चलती है, एतदर्थ ममता बनर्जी भी इनकी कहानियों व उपन्यासों की पाठिका रही और फिर बनफूल की जन्मभूमि -जिला कटिहार से सियालदह तक चलनेवाली ट्रेन का नामकरण उनके एक उपन्यास ‘हाटे बजारे’ के नाम से कर दी।

मनिहारी के पुराने लोग ही उन्हें जान रहे हैं, ये पुराने लोग अपनी संतानों को बीच -बीच में अपने क्षेत्र के इस महान व्यक्तित्व और उनके कृतित्व के बारे में बताए करें, तो हम मनिहारीवासियों को अपना साहित्य और अपनी संस्कृति को समझने में जरा -सी भी कठिनाई नहीं होगी ! वैसे मनिहारी में उनकी सभी रचनाओं को लेकर ‘पुस्तकालय’ बने, जिनमें हिंदी अनूदित लिए पाठ्यचर्चा के विन्यस्त: मुफ़्त वाचन हो पाए।

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 1 Comment · 1090 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी को
नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी को
Shashi kala vyas
मगरूर क्यों हैं
मगरूर क्यों हैं
Mamta Rani
सबला नारी
सबला नारी
आनन्द मिश्र
धड़कन से धड़कन मिली,
धड़कन से धड़कन मिली,
sushil sarna
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
इस उरुज़ का अपना भी एक सवाल है ।
इस उरुज़ का अपना भी एक सवाल है ।
Phool gufran
सफल सिद्धान्त
सफल सिद्धान्त
Dr. Kishan tandon kranti
चंद्रयान-थ्री
चंद्रयान-थ्री
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
তার চেয়ে বেশি
তার চেয়ে বেশি
Otteri Selvakumar
*चांद नहीं मेरा महबूब*
*चांद नहीं मेरा महबूब*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दोस्त
दोस्त
Pratibha Pandey
पत्थर का सफ़ीना भी, तैरता रहेगा अगर,
पत्थर का सफ़ीना भी, तैरता रहेगा अगर,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
किताबे पढ़िए!!
किताबे पढ़िए!!
पूर्वार्थ
आओ बुद्ध की ओर चलें
आओ बुद्ध की ओर चलें
Shekhar Chandra Mitra
अमृतकलश
अमृतकलश
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
हर मोड़ पर ,
हर मोड़ पर ,
Dhriti Mishra
आप
आप
Bodhisatva kastooriya
👌ग़ज़ल👌
👌ग़ज़ल👌
*Author प्रणय प्रभात*
सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,
सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,
Anil "Aadarsh"
अहसास
अहसास
Sangeeta Beniwal
राज़ की बात
राज़ की बात
Shaily
चूड़ियाँ
चूड़ियाँ
लक्ष्मी सिंह
खेत -खलिहान
खेत -खलिहान
नाथ सोनांचली
स्त्री एक कविता है
स्त्री एक कविता है
SATPAL CHAUHAN
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
=====
=====
AJAY AMITABH SUMAN
2798. *पूर्णिका*
2798. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"Let us harness the power of unity, innovation, and compassi
Rahul Singh
नीलम शर्मा ✍️
नीलम शर्मा ✍️
Neelam Sharma
क्या वैसी हो सच में तुम
क्या वैसी हो सच में तुम
gurudeenverma198
Loading...