उन्हे मालुम होता गर
उन्हे मालुम होता गर
मोहाब्बत एक इबादत है
तो दिल के मन्दिर को नही वो तोड़कर जाते
इबादत इश्क कि करते
नही युं छोड़कर जाते !!
उन्हे मालुम होता यह
हम उनसे कितना प्यार करते हैं
तो शायद वो हमें ना युं अकेला छोड़कर जाते
सुबह मेरा अपने नाम कर लेते
अपना शाम मेरे नाम कर जाते !!
उन्हे तहजीब होती गर
मोहाब्बत रब कि इनायत है
तो “अभि” से नही वो युं, मुंह मोड़कर जाते ,
लुटाते इश्क के सदके खुदी को
मुझसे यकिनन इश्क कर जाते !!