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9 Mar 2019 · 1 min read

उन्हे तरस भी नहीं आई ऐसा हाल हमारा देखकर

कभी-कभी चमकने का जी करता है कोई टिमटिमाता सितारा देखकर
हमने किस्मत पर दाव लगाना छोड़ दिया है रईसों का खसारा देखकर

जड़ से लेकर पत्तों तक पेड़ डूबा हुआ है दरिया में
परिंदा आसमान में भौचक्का है यह नजारा देखकर

एक रोटी बाटकर कैसे खाई जाती है एक पूरे परिवार में
कुछ नेता गरीबी सीख रहे हैं यह गुजारा देखकर

वह तूफान तो समंदर में कई कश्तियां डूबो गया
बर्बादी का अंदाजा लगा रहे हैं लोग किनारा देखकर

अजनबीयों की तरह मुंह मोड़कर अपने रास्ते चल दीये वह
उन्हें तरस भी नहीं आई ऐसा हाल हमारा देखकर

मालूम ना था कि रात का सफर इतना मुश्किल है
हम तो निकले थे घर से चांद की रोशनी का सहारा देखकर

क्या अजब सी दुनिया बदल रही है इस नए दौर की
बेवजह ही चौक जाते हैं लोग एक ही चेहरे को दोबारा देखकर

चर्चा ए आम है उसकी इश्क की दास्तान
जिसे देखिए बातें बनाता है उसे इश्क में आवारा देखकर

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