उन्हें फुट पाथ पर मुर्दा मिला है।
गज़ल
काफिया- आ स्वर की बंदिश
रदीफ़- है।
1222…….1222…….122
उन्हें फुट पाथ पर मुर्दा मिला है।
विषय है जांच का कैसे मरा है।
खबर आई वो बेहद था बहादुर,
वो सर्दी भूख से लड़कर मरा है।
जो रोटी फेंकते हैं नालियों में,
नहीं दिखता कोई भूखा पड़ा है।
यही कलियुग की है शायद निशानी,
जो चोरी कर रहा फूला फला है।
बढ़ी बेरोजगारी औ’र ग़रीबी,
जिसे ये देखना वो सो रहा है।
तू कैसे भूल सकता मुफलिसों को,
वहीं से तू भी तो आगे बढ़ा है।
अभी भी है समय बन जा तू प्रेमी,
गले सबको लगा छोटा बड़ा है।
……. ✍️सत्य कुमार प्रेमी