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12 Feb 2022 · 1 min read

उन्हें दो वोट (मुक्तक)*

उन्हें दो वोट (मुक्तक)
■■■■■■■■■■■
किसी बच्चे के जैसे मत खिलौनों से बहल जाना
बँटा है जाति-मजहब में वतन जो उसका हल लाना
उन्हें दो वोट जो सब की तरक्की चाहते करना
तुम्हारी है नजर में सिर्फ हिंदुस्तान बतलाना
—————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
353 Views
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