.उन्हें चलना नहीं आया
है साँचा वक़्त का जिसमें तुम्हें ढलना नहीं आया
करे तूफान क्या जब तुमको ही जलना नहीं आया
बना करते वही…..इतिहास के पन्नों की गाथायें
भरोसे भाग्य जिनको फूलना-फलना नहीं आया
मुसीबत से लड़ी है जंग…पर घुटने नहीं टेके
हमे खैरात लेकर रूह को छलना नहीं आया
गिरे लोगों ने राहों पर मुक़दमा कर दिया लेकिन
हकीकत तो यही थी के…उन्हें चलना नहीं आया