उनसे मिल कर जुदा हो रहे थे ##
उनसे मील के जब जुदा हो रहे थे तो !!
उनकी नजर कलाईयो पर बंधी घड़ी पर थी !!
और मेरी नजर उस वक्त पर था जो !!
हम दोनो के बीच से रेत की तरह फिसल रहा था !!
हम उनको देख रहे थे !!
और वो अपनी घड़ी को देख रहे थे !!
हम वक्त को रोकना चाह रहे थे !!
और वो वक्त बिताने के लिए मीले थे !!
हम कुछ अल्फ़ाज़ बोल कर चुप होते थे !!
वो कुछ सुन नहीं रहे थे !!
हम उनके चेहरे को देखते रहे नजर छिपा कर !!
और वो घड़ी देखते रहे , मुझे दिखा कर !!
हम अपने आँसु पोछते रहे इधर उधर मुँह घुमा कर !!
वो देखते रहे चारो तरफ नजारा नजर घुमा कर!!
दिल चाहता था कि एक बार नजर मीला के देखु !!
लेकिन मीलाते भी कैसे उनकी नजर!!
तो कभी घुमी नही मेरी तरफ !!
वक्त निकल गया बहुत तेजी से !!
वो जल्दी मे थे जाने की निकाल गये अपने रास्ते !!
हम बहुत देर तक देखते रहे उनको जाते !!
आँखो मे आँसु लिये !!
दिल तड़प रहे !!
मीना सिंह राठौर🖊