Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2024 · 1 min read

उनसे नज़रें मिलीं दिल मचलने लगा

उनसे नज़रें मिलीं दिल मचलने लगा
तीर दिल के सनम पार चलने लगा
आपने जो पुकारा हमें प्यार से
दीप दिल मे मुहब्बत का जलने लगा।
अर्चना मुकेश मेहता

60 Views

You may also like these posts

■ आज का शेर दिल की दुनिया से।।
■ आज का शेर दिल की दुनिया से।।
*प्रणय*
चंद्रयान विश्व कीर्तिमान
चंद्रयान विश्व कीर्तिमान
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
प्रतिस्पर्धाओं के इस युग में सुकून !!
प्रतिस्पर्धाओं के इस युग में सुकून !!
Rachana
....नया मोड़
....नया मोड़
Naushaba Suriya
"अपेक्षा"
Yogendra Chaturwedi
खुद को साधारण आदमी मानना भी एक ताकत है । ऐसा आदमी असाधारणता
खुद को साधारण आदमी मानना भी एक ताकत है । ऐसा आदमी असाधारणता
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
सहयोग की बातें कहाँ, विचार तो मिलते नहीं ,मिलना दिवा स्वप्न
सहयोग की बातें कहाँ, विचार तो मिलते नहीं ,मिलना दिवा स्वप्न
DrLakshman Jha Parimal
जय श्री राम
जय श्री राम
Indu Singh
Scattered existence,
Scattered existence,
पूर्वार्थ
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
Jitendra kumar
17. सकून
17. सकून
Lalni Bhardwaj
पिछले पन्ने भाग 2
पिछले पन्ने भाग 2
Paras Nath Jha
मनुस्मृति का, राज रहा,
मनुस्मृति का, राज रहा,
SPK Sachin Lodhi
" कह दो "
Dr. Kishan tandon kranti
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
संविधान के शिल्पी - डॉ अम्बेडकर
संविधान के शिल्पी - डॉ अम्बेडकर
डिजेन्द्र कुर्रे
दूध, दही, छाछ, मक्खन और घी सब  एक ही वंश के हैं फिर भी सब की
दूध, दही, छाछ, मक्खन और घी सब एक ही वंश के हैं फिर भी सब की
ललकार भारद्वाज
भारत के राम
भारत के राम
करन ''केसरा''
3640.💐 *पूर्णिका* 💐
3640.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ऐश ट्रे   ...
ऐश ट्रे ...
sushil sarna
बचपन जब भी याद आता है
बचपन जब भी याद आता है
Shweta Soni
मेरे अल्फाजों के
मेरे अल्फाजों के
हिमांशु Kulshrestha
नींव में इस अस्तित्व के, सैकड़ों घावों के दर्द समाये हैं, आँखों में चमक भी आयी, जब जी भर कर अश्रु बहाये हैं....
नींव में इस अस्तित्व के, सैकड़ों घावों के दर्द समाये हैं, आँखों में चमक भी आयी, जब जी भर कर अश्रु बहाये हैं....
Manisha Manjari
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
gurudeenverma198
कविता -
कविता - "बारिश में नहाते हैं।' आनंद शर्मा
Anand Sharma
माँ
माँ
Harminder Kaur
सभी  जानते हैं  इस  जग में, गाय  हमारी माता है
सभी जानते हैं इस जग में, गाय हमारी माता है
Dr Archana Gupta
सावन बरसे झूम के,ननदी झूला झूल।
सावन बरसे झूम के,ननदी झूला झूल।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
"एक दीप जलाना चाहूँ"
Ekta chitrangini
मेरी जान बस रही तेरे गाल के तिल में
मेरी जान बस रही तेरे गाल के तिल में
Devesh Bharadwaj
Loading...