Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Nov 2024 · 1 min read

उनके आने से ही बहार आए

उनके आने से ही बहार आए
और दिल को मेरे क़रार आए

अश्क आंखों से बह गए उस दम
डोली लेकर के जब कहार आए

इस जहां से चले गए जो भी
लौटकर फिर न एक बार आए

अब कहां याद कोई आता है
सारी यादें तो हम बिसार आए

हर तरफ़ शोर और शराबा था
वक़्त ऐसा भी हम गुज़ार आए

शाद जबतक न हो कोई इस्लाह
शाइरी में कहां निखार आए

डॉ० फ़ौज़िया नसीम ‘शाद’

1 Like · 12 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
सन्यासी
सन्यासी
Neeraj Agarwal
किसी भी वार्तालाप की यह अनिवार्यता है कि प्रयुक्त सभी शब्द स
किसी भी वार्तालाप की यह अनिवार्यता है कि प्रयुक्त सभी शब्द स
Rajiv Verma
!! फिर तात तेरा कहलाऊँगा !!
!! फिर तात तेरा कहलाऊँगा !!
Akash Yadav
बहु घर की लक्ष्मी
बहु घर की लक्ष्मी
जय लगन कुमार हैप्पी
मेरे दिल की हर धड़कन तेरे ख़ातिर धड़कती है,
मेरे दिल की हर धड़कन तेरे ख़ातिर धड़कती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम उस पीढ़ी के लोग है
हम उस पीढ़ी के लोग है
Indu Singh
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
Rj Anand Prajapati
वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: ओं स्वर रदीफ़ - में
वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: ओं स्वर रदीफ़ - में
Neelam Sharma
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
Dr. Vaishali Verma
डॉ भीमराव अम्बेडकर
डॉ भीमराव अम्बेडकर
नूरफातिमा खातून नूरी
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
राधा कृष्ण
राधा कृष्ण
रुपेश कुमार
क्यों रिश्तों में आता है बदलाव
क्यों रिश्तों में आता है बदलाव
Chitra Bisht
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
#आदरांजलि-
#आदरांजलि-
*प्रणय*
बुंदेली हास्य मुकरियां -राना लिधौरी
बुंदेली हास्य मुकरियां -राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"Stop being a passenger for someone."
पूर्वार्थ
ज़िन्दगानी में
ज़िन्दगानी में
Dr fauzia Naseem shad
रहब यदि  संग मे हमर ,सफल हम शीघ्र भ जायब !
रहब यदि संग मे हमर ,सफल हम शीघ्र भ जायब !
DrLakshman Jha Parimal
शॉल (Shawl)
शॉल (Shawl)
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
Ranjeet kumar patre
*चलिए बाइक पर सदा, दो ही केवल लोग (कुंडलिया)*
*चलिए बाइक पर सदा, दो ही केवल लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
Taj Mohammad
जिंदगी को बोझ मान
जिंदगी को बोझ मान
भरत कुमार सोलंकी
" पैगाम "
Dr. Kishan tandon kranti
मैंने उस नद्दी की किस्मत में समंदर लिख दिया
मैंने उस नद्दी की किस्मत में समंदर लिख दिया
Nazir Nazar
एक नज़र से ही मौहब्बत का इंतेखाब हो गया।
एक नज़र से ही मौहब्बत का इंतेखाब हो गया।
Phool gufran
माया का संसार है,
माया का संसार है,
sushil sarna
गर्दिश-ए-अय्याम
गर्दिश-ए-अय्याम
Shyam Sundar Subramanian
Loading...