*उनकी है शुभकामना,मेरा बंटाधार (हास्य कुंडलिया)*
उनकी है शुभकामना,मेरा बंटाधार (हास्य कुंडलिया)
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भरता मोबाइल सदा , आता जब त्यौहार
उनकी है शुभकामना , मेरा बंटाधार
मेरा बंटाधार , गैलरी भर – भर जाती
मजदूरों – सा काम , सफाई तब हो पाती
कहते रवि कविराय , बधाई से मन डरता
पटा पड़ा है फोन , बना बैंगन का भरता
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451