मैं शामिल तुझमें ना सही
तू शामिल मुझमें आज भी है,
मैं शामिल तुझमें ना सही।
तू मेरा इश्क़ आज भी है
मैं तेरी मोहब्बत आज ना सही।।
तू बसा है मेरी साँसों में,
तेरी धड़कन मैं ना सही।
तेरा अक्स मुझमें शामिल है
मेरी ख़ुशबू तुझमें ना सही।।
तू नूर है मेरे चेहरे का,
मेरी हसीं तेरी मुस्कान नहीं।
तेरी रूह तलक से मुझको मोहब्बत है
मैं तेरी जान न सही।।
तू मेरे लिए ख़ुदा है,
मैं तेरी भले कुछ भी नहीं।
तेरे इश्क़ में दिल टूट गया है
ये तेरी बद्दुआ है और कुछ भी नहीं।।
इबादत मैं हर पल तेरी करूँ
पर तू काफिर है और कुछ भी नहीं।
मैं इश्क़ तुझसे बेहिसाब करूँ
और तू मुझसे नफ़रत करे और कुछ भी नहीं।।