उतर जाते हो
जब कलम बन कागज पर उतर जाते हो
प्रणय का एक पैगाम मुझे दे रहे होते हो ।
होठ कहते कहते अनायास रूक जाते है
मुस्कराता चेहरा भेद सब खोल जाता है।
जब कलम बन कागज पर उतर जाते हो
प्रणय का एक पैगाम मुझे दे रहे होते हो ।
होठ कहते कहते अनायास रूक जाते है
मुस्कराता चेहरा भेद सब खोल जाता है।