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15 Jan 2021 · 1 min read

उतर जाओ मैदानी टक्कर में

कोई कहे हम लालू हैं, कोई कहे नीतीश ।
मसीहा बनाने वक्त तो, खुश थे ।
मजदूर किसान ही नहीं, तुम लोग भी, बहुत खुश थे,अब क्यों बढ़ने लगा है खिंस ।।

अब क्यों घबराते हो तुम,
यह तो, तेरी करनी का ही फल है ।
चलो माना,आज उजड़ा है आसियाँ तेरा,
लेकिन पहले से भी तो, यहाँ दलदल है ।।

बाढ़,सुखाड़,बीमारी,लाचारी पहले भी थी,
यहाँ दुसरों के सरकारों में ।
ये आज भी है, आगे भी रहेगी,
तुम मत आओ बहकावे में ।।

वो पापी हैं या समाजसेवी,
तुम मत पड़ो उनके चक्कर में ।
अगर, सही राह दिखानी हो उन्हें तो,
तुम खुद उतर जाओ, मैदानी टक्कर में ।।

कवि – मनमोहन कृष्ण
तारीख – 06/08/2020
समय – 03:52 (सुबह)
संपर्क – 9065388391

Language: Hindi
2 Likes · 231 Views
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