उड़ चल पंछी अकेले
यह निशा घटेगी, भोर आयेगी
कोयल जीवन राग सुनाएगी,
जब वासंती मधुमासी छायेगी
और खिलेंगे पुष्प नये नवेले।
उड़ चल पंछी अकेले।
उड़ चल पंछी अकेले ।
—Vivek Bhushan Pandey
यह निशा घटेगी, भोर आयेगी
कोयल जीवन राग सुनाएगी,
जब वासंती मधुमासी छायेगी
और खिलेंगे पुष्प नये नवेले।
उड़ चल पंछी अकेले।
उड़ चल पंछी अकेले ।
—Vivek Bhushan Pandey