Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Nov 2021 · 1 min read

उजाले लापता हैं और कोई गवाह नही है

बियाबान है जंगल यहाँ कोई सदा नही है
दम सा घुटता है अब कहीं भी हवा नही है

खमोशी से आकर छा गए सब और अंधेरे
उजाले लापता हैं और कोई गवाह नही है

ये जो जिद है तुम्हे वफ़ा मे मर जाने की
इस मर्ज का इलाज तो है मगर दवा नही है

क्यों डरते हो तुम वक़्त के हुकमरानों से
अपनी तरह वो बशर है कोई खुदा नही है

कई सदियों से यूहीं छुपा हुआ है वो’आलम’
दिल मे बसा है बस आंखो मे रवां नही है

मारूफ आलम

1 Like · 298 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जी-२० शिखर सम्मेलन
जी-२० शिखर सम्मेलन
surenderpal vaidya
* तेरी सौग़ात*
* तेरी सौग़ात*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मां को शब्दों में बयां करना कहां तक हो पाएगा,
मां को शब्दों में बयां करना कहां तक हो पाएगा,
Preksha mehta
सत्य
सत्य
Seema Garg
चन्द्रयान 3
चन्द्रयान 3
डिजेन्द्र कुर्रे
आदरणीय क्या आप ?
आदरणीय क्या आप ?
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
नाकाम किस्मत( कविता)
नाकाम किस्मत( कविता)
Monika Yadav (Rachina)
चुनौतियाँ बहुत आयी है,
चुनौतियाँ बहुत आयी है,
Dr. Man Mohan Krishna
ऐ सावन अब आ जाना
ऐ सावन अब आ जाना
Saraswati Bajpai
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
फार्मूला
फार्मूला
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मन से भी तेज ( 3 of 25)
मन से भी तेज ( 3 of 25)
Kshma Urmila
2761. *पूर्णिका*
2761. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कितना रोके मगर मुश्किल से निकल जाती है
कितना रोके मगर मुश्किल से निकल जाती है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बेरोजगार लड़के
बेरोजगार लड़के
पूर्वार्थ
पाप का जब भरता है घड़ा
पाप का जब भरता है घड़ा
Paras Nath Jha
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#समय_की_मांग
#समय_की_मांग
*प्रणय प्रभात*
पिया मिलन की आस
पिया मिलन की आस
Kanchan Khanna
कब तक बरसेंगी लाठियां
कब तक बरसेंगी लाठियां
Shekhar Chandra Mitra
"रानी वेलु नचियार"
Dr. Kishan tandon kranti
*चेतना-परक कुछ दोहे*
*चेतना-परक कुछ दोहे*
Ravi Prakash
"खुद को खुली एक किताब कर"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
मरीचिका
मरीचिका
लक्ष्मी सिंह
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
Vindhya Prakash Mishra
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
डॉ० रोहित कौशिक
भाव में शब्द में हम पिरो लें तुम्हें
भाव में शब्द में हम पिरो लें तुम्हें
Shweta Soni
चेहरे का रंग देख के रिश्ते नही बनाने चाहिए साहब l
चेहरे का रंग देख के रिश्ते नही बनाने चाहिए साहब l
Ranjeet kumar patre
Loading...