*उच्चारण सीखा हमने, पांडेय देवकी नंदन से (हिंदी गजल)*
उच्चारण सीखा हमने, पांडेय देवकी नंदन से (हिंदी गजल)
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1)
उच्चारण सीखा हमने, पांडेय देवकी नंदन से
समाचार सुनते थे हम, ट्रांजिस्टर पर पूरे मन से
2)
पिक्चर-हॉलों में चलते थे, कहॉं जेनरेटर धड़-धड़
लाइट जहॉं गई दर्शक, सब पिघला करते मक्खन-से
3)
याद जवानी की आई, बूढ़ेपन में अब कम ही है
सदा खोजता रहता है, मन चित्र पुराने बचपन से
4)
जीवन क्या है और मृत्यु, बस इतना फर्क समझ आया
पीते समय चाय की ज्यों, प्याली ही छूट गई छन से
5)
सीखा है वसुधा कुटुंब, हमने अपने ही पुरखों से
नेह लुटाने वाली यह, शुचि बोली सत्य-सनातन से
6)
परहित सबसे बड़ा धर्म, तुलसी की यह ही है वाणी
सब की सेवा करो मित्र, तन-मन अथवा जीवन-धन से
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451