ईस निंदा,वेअदवी
धर्मात्माओं की एक भीड़ ने, एक इंसान जला डाला
ईस निंदा वेअदवी में,पीट पीट मार डाला
तथा कथित धर्मात्माओं ने, धर्म की आत्मा को कुचल डाला
शत शांति न दया क्षमा, धर्म की आत्मा को ही बदल डाला
धर्मात्माओं की एक भीड़ ने, एक इंसान जला डाला
ईस निंदा वेअदवी में,पीट पीट मार डाला
एक ने फाड़ा था, आयतें लिखा कागज
एक घुस गया था, गुरु द़ारे में नाजायज
दोनों ही शायद, अर्धविक्षिप्त थे
तभी ऐंसे काम में संलग्न थे
पर क्या धर्मात्माओं की भीड़, धर्म कर रही थी
धर्म की आत्मा,शत शांति दया क्षमा कर रही थी?
हे ईश्वर ,ऐसें धर्मात्माओं को धर्म की आत्मा दे
शत शांति दया क्षमा, परमात्मा दे
काश मारने की जगह वे,दिखा पाते उन्हें धर्म की आत्मा
धर्म परायण आचरण, सर्वे व्यापी एक परमात्मा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी