ईश्वर
ईश्वर है
आस्था है विश्वास है
पर कहाँ कब है
नहीं पता है
ईश्वर है
मंदिर में,मस्जिद में
काबा,कैलाश में
घट घट कुम्भ में
ईश्वर है
तीर्थंकरों ने ढूढा
योगियों ने योगा
पर ना मिला
ईश्वर है
मथुरा काशी प्रयाग
हरिद्वार सब खोजा
पर ना मिला
ईश्वर है
जन जन के अन्तस में
कण कण क्षण क्षण में
उदय होते सूरज चाँद में
ईश्वर है
हल जोतते खेतों
मुस्कराते फूलों मे
भँवरा जहाँ कलियों में
ईश्वर है
बुजुर्गों की सेवा में
मात पिता की सेवा में
पिया की आन में
ईश्वर है
देखना है ईश्वर
बुजुर्ग मातपित पिय
की सीख सीख लें