Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Sep 2016 · 1 min read

ईश्वर

ईश्वर है
आस्था है विश्वास है
पर कहाँ कब है
नहीं पता है

ईश्वर है
मंदिर में,मस्जिद में
काबा,कैलाश में
घट घट कुम्भ में

ईश्वर है
तीर्थंकरों ने ढूढा
योगियों ने योगा
पर ना मिला

ईश्वर है
मथुरा काशी प्रयाग
हरिद्वार सब खोजा
पर ना मिला

ईश्वर है
जन जन के अन्तस में
कण कण क्षण क्षण में
उदय होते सूरज चाँद में

ईश्वर है
हल जोतते खेतों
मुस्कराते फूलों मे
भँवरा जहाँ कलियों में

ईश्वर है
बुजुर्गों की सेवा में
मात पिता की सेवा में
पिया की आन में

ईश्वर है
देखना है ईश्वर
बुजुर्ग मातपित पिय
की सीख सीख लें

Language: Hindi
72 Likes · 472 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
दोहे - नारी
दोहे - नारी
sushil sarna
कर्मठ बनिए
कर्मठ बनिए
Pratibha Pandey
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
Subhash Singhai
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
न मुझे *उम्र* का डर है न मौत  का खौफ।
न मुझे *उम्र* का डर है न मौत का खौफ।
Ashwini sharma
अंततः कब तक ?
अंततः कब तक ?
Dr. Upasana Pandey
भारत का सिपाही
भारत का सिपाही
Rajesh
इतना रोई कलम
इतना रोई कलम
Dhirendra Singh
नारी भाव
नारी भाव
Dr. Vaishali Verma
"गलतफहमियाँ"
जगदीश शर्मा सहज
उम्दा हो चला है चाँद भी अब
उम्दा हो चला है चाँद भी अब
सिद्धार्थ गोरखपुरी
उम्र जो काट रहे हैं तेरी यादों के सहारे,
उम्र जो काट रहे हैं तेरी यादों के सहारे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गम हमें होगा बहुत
गम हमें होगा बहुत
VINOD CHAUHAN
मुकम्मल क्यूँ बने रहते हो,थोड़ी सी कमी रखो
मुकम्मल क्यूँ बने रहते हो,थोड़ी सी कमी रखो
Shweta Soni
दिमाग शहर मे नौकरी तो करता है मगर
दिमाग शहर मे नौकरी तो करता है मगर
पूर्वार्थ
4331.*पूर्णिका*
4331.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पुण्यधरा का स्पर्श कर रही, स्वर्ण रश्मियां।
पुण्यधरा का स्पर्श कर रही, स्वर्ण रश्मियां।
surenderpal vaidya
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मानवता का शत्रु आतंकवाद हैं
मानवता का शत्रु आतंकवाद हैं
Raju Gajbhiye
जवाला
जवाला
भरत कुमार सोलंकी
क़ानून
क़ानून
Shashi Mahajan
"खुश रहने के तरीके"
Dr. Kishan tandon kranti
"पानी की हर बूंद और जीवन का हर पल अनमोल है। दोनों को कल के ल
*प्रणय*
तोड़ दो सारी हदें तुम हुस्न से दीदार की ।
तोड़ दो सारी हदें तुम हुस्न से दीदार की ।
Phool gufran
चांदनी न मानती।
चांदनी न मानती।
Kuldeep mishra (KD)
समस्याओ की जननी - जनसंख्या अति वृद्धि
समस्याओ की जननी - जनसंख्या अति वृद्धि
डॉ. शिव लहरी
*वो जो दिल के पास है*
*वो जो दिल के पास है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्यार के बारे में क्या?
प्यार के बारे में क्या?
Otteri Selvakumar
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अरे योगी तूने क्या किया ?
अरे योगी तूने क्या किया ?
Mukta Rashmi
Loading...