ईश्वर
ईश्वर
जिसको इन्सान ने बांटा
राम,अल्हा,ईसामसीह,गुरूनानक
वह ईश्वर
जब भारत में होता है
तो राम कृष्ण के रूप में
पूजा जाता है
तो वही जब
अमेरिका अन्य देशों में होता है
तो जीसस,अल्हा में
तब्दील हो जाता है
वह कभी सोता नही है
जिस समय
अमेरिका अन्य देशों के
मंदिरो,चर्चो,गुरूद्वारा के
कपाट बन्द हो रहे होते है
तो दूसरी तरफ भारत के
मंदिरो,मस्जिदों,चर्चो,गुरूद्वाराओं में
गायत्री मंत्र,आजान,बाइबिल तथा
गुरूवाणी की ध्वनि गूँज रही होती है।
वह देख रहा होता है कि
जहां एक तरफ चढ़ाने के लिये
पांच रूपये नही है
तो दूसरी तरफ पांच डालर की माला
पहनायी जा रही होती है।
जहां एक तरफ लोग
उगते सूर्य को नमस्कार कर रहे होते है
तो दूसरी तरफ चांद का दीदार हो रहा होता है।
वह ईश्वर
जब अन्य देषो में
न्याय की वकालत कर रहा होता है
तो दूसरी तरफ
देख रहा होता है
भारत में दर्शनार्थियों से भरी पल्टी बस के मूर्दो को
वह देख रहा होता है
एक बूढ़े बाप के कन्धे पर
जवान बेटे की अर्थी को
राम नाम कहते हुये
यह सत्य है
वह बहुत बड़ा
न्ययायाधीश है
लेकिन विबस है
अपने विधि के विधान से
वह देख रहा होता है
सृष्टि के हर छोटे अणु को
जिसमें उसकी सत्ता जीवित है।