Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Feb 2024 · 1 min read

ईश्वर

शीर्षक – ईश्वर
************-
जिंदगी भी बस तेरी चौखट के साथ हैं।
ऊपर वाले तू ही जगत का पालनहार है।
दो पैसे कम ज्यादा ही मानव का सच हैं।
सांसों के साथ नाम तेरा ही अनमोल हैं।
न तेरा न मेरा बस हम समझे संग तेरा हैं।
सोच और समझ के साथ खुशियां साथ हैं।
कुदरत ने अमीर गरीब रंक राजा ने सोचा हैं।
तेरे दर पर भिखारी सभी कुछ बाहर बैठे हैं।
अंदर और अंतर मन भावों के साथ हम हैं।
ईश्वर कुदरत भगवान कृपा निधान नाम हैं।
हां सच और झूठ का अंतर कर्म फल हैं।
ईश्वर भक्ति और श्रृद्धा का जप करते हैं।
तेरे विश्वास का हम सभी जीवन मानते हैं।
********************
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

Language: Hindi
188 Views

You may also like these posts

मां!क्या यह जीवन है?
मां!क्या यह जीवन है?
Mohan Pandey
सारी तल्ख़ियां गर हम ही से हों तो, बात  ही क्या है,
सारी तल्ख़ियां गर हम ही से हों तो, बात ही क्या है,
Shreedhar
थिक मिथिला के यैह अभिधान,
थिक मिथिला के यैह अभिधान,
उमा झा
जनता  जाने  झूठ  है, नेता  की  हर बात ।
जनता जाने झूठ है, नेता की हर बात ।
sushil sarna
3366.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3366.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
अपने और पराए की पहचान
अपने और पराए की पहचान
Sonam Puneet Dubey
अरब खरब धन जोड़िये
अरब खरब धन जोड़िये
शेखर सिंह
ज़िंदगी नही॔ होती
ज़िंदगी नही॔ होती
Dr fauzia Naseem shad
रंगों में भी
रंगों में भी
हिमांशु Kulshrestha
गहरे ज़ख्म मिले हैं जिंदगी में...!!!!
गहरे ज़ख्म मिले हैं जिंदगी में...!!!!
Jyoti Khari
*फल कभी-कभी मिलता तुरंत, तो कभी समय लग जाता है (राधेश्यामी छ
*फल कभी-कभी मिलता तुरंत, तो कभी समय लग जाता है (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
■हरियाणा■
■हरियाणा■
*प्रणय*
एक कहानी, दो किरदार लेकर
एक कहानी, दो किरदार लेकर
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
आओ करें चाँद की सैर
आओ करें चाँद की सैर
Nitesh Shah
अब छोड़ जगत क्षआडंबर को।
अब छोड़ जगत क्षआडंबर को।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
প্রশংসা
প্রশংসা
Arghyadeep Chakraborty
ममता की भंडार
ममता की भंडार
RAMESH SHARMA
विदाई
विदाई
Aman Sinha
Ram
Ram
Sanjay ' शून्य'
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
Ram Krishan Rastogi
" खेत "
Dr. Kishan tandon kranti
आप अगर अंबानी अडाणी की तरह धनवान हो गये हैं तो माफ करना साहब
आप अगर अंबानी अडाणी की तरह धनवान हो गये हैं तो माफ करना साहब
Dr. Man Mohan Krishna
क्या जलाएगी मुझे यह, राख झरती ठाँव मधुरे !
क्या जलाएगी मुझे यह, राख झरती ठाँव मधुरे !
Ashok deep
शाकाहारी बनो ..
शाकाहारी बनो ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हक़ीक़त
हक़ीक़त
Shyam Sundar Subramanian
*मां*
*मां*
Dr. Priya Gupta
तो क्या
तो क्या
Swami Ganganiya
दोहा
दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
दिव्य बोध।
दिव्य बोध।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
Loading...