ईश्वर सदा सबकी ही सुनते हैं !
ईश्वर सदा सबकी ही सुनते हैं !
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ईश्वर सदा सबकी ही सुनते हैं !
नहीं कोई भेदभाव वे करते हैं !
जो पूर्ण भक्ति भाव से चरणों में
उनके, आकर विनती है करता ,
उन सभी को आशीर्वाद वे देते हैं !!
वह अपने भक्तों की भक्ति….
बहुत अच्छे से परख लेते हैं !
जब कोई याद उन्हें है करता ,
वे पूरे मन से आशीर्वाद देते हैं !!
सबकी अपनी – अपनी है श्रद्धा….
सब अपने तरीके से ही भक्ति करते हैं !
सदा ही रखें ईश्वर पे अपनी आस्था….
बेशक, वे सबकी ही फ़रियाद सुनते हैं !!
जिन्हें कोई गिला शिकवा हो ज़िंदगी से ,
सदैव वे जन प्रभु की शरण में आते हैं !
पर जब ना हो परेशानी कोई ज़िंदगी में ,
तो क्यों नहीं वे प्रभु को स्मरण में लाते हैं !!
जो कोई भी भक्ति में निरंतरता दिखलाते हैं !
प्रभु उन भक्तों पे सचमुच में प्रसन्न हो जाते हैं !
पर जो बस, भक्ति का दिखावा मात्र करते हैं !
प्रभु वैसे ढोंगियों को सही सबक भी सिखाते हैं !!
पूर्ण श्रद्धा व आस्था से प्रभु का नित वंदन करें !
शुद्ध मन में श्रद्धा का दीपक सदा जलाए रखें !
उस दीपक का प्रकाश पुनः आप तक पहुॅंचेगी !
वही दिव्य प्रकाश सारे भक्तों का कष्ट हर लेगी !!
स्वरचित एवं मौलिक ।
सर्वाधिकार सुरक्षित ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 11 सितंबर, 2021.
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