ईश्वर रुको
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ईश्वर रुको।
अभी सम्पन्न नहीं हुई है
उसकी पूजा।
छोड़ गये तो
डर है
कोई आ जायगा शैतान दूजा।
तुमने अभी वरदान नहीं दिये हैं।
उसे राक्षस बनने दो।
वरदान पाने के हक के लिए।
तुमने अभी अभिशाप नहीं दिये हैं।
मनुष्य वह जनम से है फिर भी।
संभालते रहे हो अभिशाप
मनुष्य के लिए।
ईश्वर रुको।
अभी सम्पन्न नहीं हुआ है
बलात्कार का तेरा सपना।
तुम्हारे बलात्कार में
भरोसा है
अगले जन्म ब्याह का।
छोड़ गये तो
डर है
खड़ा हो जाएगा उसके विरुद्ध
फुसलाया हुआ शैतान का
उसका कोई अपना।
शैतान के साथ ही वह भी
करेगा बलात्कार।
रख देगा उसका अहं,स्वाभिमान,अस्तित्व
चीर-फाड़;कर देगा तार-तार।
ईश्वर रुको,
उसे मरने दो।
पूजा,जो उसने किए,
उन गुनाहों की सजाएँ
भुगत लेने दो।
डर है।
जो आयेगा वह होगा
कितना! नृशंस।
मृत्यु के सिवा
देगा कौन सा दंड।
उन गुनाहों के
जिसे उसने किए ही नहीं।
उसे इत्मीनान से जाने दो।
ईश्वर !
तुम्हें,तुम्हारा ईश्वर
तुम्हारे हर गुनाहों के लिए
क्षमा करें।
ओम्।
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