ईश्वर ने दिया जिंन्दगी
ईश्वर ने जिंन्दगी देकर भेजा
हमें जिने के लिए
और हम अपनों के सपनों
के पीछे भागते रह गये
उन्हें मंजिल तक पहुँचाने के लिये।
पुरी जिन्दगी लगा दी अपनो के
सपनों के पीछे भागने में
और उन्हें मंजिल पर पहुंचाने मे
उन्हें तो मंजिल पर पहुंचा दिया।
पर जब खुद अपने तरफ देखा
तो अकेला पाया।
न जाने कब दोस्त रिश्तेदार और अपने
सब पीछे छूटते चले गये
जब पाँव थका अपना तो देखा
जिनके सपनों के लिए
इतना तेज भागे थे हम कभी।
आज वही मेरे अपने, अपने न रह गये
उन्होनें ही लगाया हम पर तोहमत
हम उन्हें छोड़कर आगे निकल गये
और हम वही ठगे खड़े जिंन्दगी
से क्या मिला सोचते रह गयें।
~अनामिका