ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार
नाम-नाम में तप है,
नाम-नाम में जप,
नाम-नाम ही कलंक है,
नाम-नाम ही बेशर्म,
नाम में लिखा हो स्वामी तो,
वह स्वामी नहीं हो जाएगा,
बिन प्रसाद के भक्त भी,
भक्ति में तर जाएगा,
ईश्वर नाम रख लेने से,
तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
पाप-कर्म के अपने पुण्य को,
अलग-अलग भर जाओगे,
सत्ता की भूख में तुम,
इतना चूर न हो जाओ,
जनता से धकियाए गए हो,
ईश से धकियाऐ गए तो,
फिर किस दुनिया में जाओगे।