ईश्वर दे दो यह वरदान ।
ईश्वर दे दो यह वरदान ।
कम मे संतोष सदा ही
असहायो को दे सकूँ योगदान
ईश्वर दे दो यह वरदान ।
कुछ बनना मैं बाद में सोचू
बन जाऊँ पहले इंसान ।
धन पद गौरव कीर्ति रहे सम
जिससे जीवन में सम्मान
ईश्वर दे दो यह वरदान ।
मन मेरा मालिन्य रहित हो
बना रहे सौहार्द महान
अच्छे विचार मन में आए
जीवन भर करू तेरा गुणगान
ईश्वर दे दो यह वरदान ।
विन्ध्यप्रकाश मिश्र विप्र