ईश्वर का रुप मां
नौ महीने गर्भ मे रख कर
जीवन देती है मां
ऊंगली पकड़ कर चलना सिखाती
गिरने से संभालती है मां
ईश्वर ने जोड़ा है संबंध
बच्चे से कुछ ऐसा
सारा दर्द पी लेती है मां
करुणा त्याग की ऐसी मूरत
हंस कर सब सह लेती है मां
मां के बिना जिंदगी है फीकी
पहला गुरु होती है मां
जीवन जीने की कला सिखाती
ईश्वर का रुप होती है मां
हर पल दुआ देती है मां
मां को प्रणाम🙏…
केशी गुप्ता
लेखिका समाज सेविका
द्वारका दिल्ली