ईश्क
मुक्तक – ईश्क़
======================
तेरे बिन चैन भी मिलता नही है जीने में,
मजा आता है तेरे होठ के रस पीने में।
संभालना बड़ी मुश्किल है तेरी यादों को,
लगी है आग तेरे प्यार की इस सीने में।
तेरे ही नाम में जीवन भी कर जाऊँगा,
समझ नहीं की मैं संसार से डर जाऊँगा।
तेरे ही नाम का मन मेरा दीवाना है,
मुझे मत छोड़ना नहीं तो मैं मर जाऊँगा।
तेरे नैनों की शोखियाँ मुझे गुलजार करें,
सदा इकरार ही आये नही इनकार करें।
बहुत मिली दीवानीयाँ मुझे जमाने में,
मेरा मन चाहता है तू ही मुझे प्यार करें।
★★★★★★★★★★★★★★★
डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर” ✍️✍️