Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
14 Followers
Follow
Report this post
9 Feb 2024 · 1 min read
ईमान
कदम कदम पर बिक रहा,
लोगों का ईमान।
अंधेर सी नगरी में,
मौज करे दीवान।
Competition:
Poetry Writing Challenge-2
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
Like
Share
299 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
वैसे तो चाय पीने का मुझे कोई शौक नहीं
Sonam Puneet Dubey
खाली पैमाना
ओनिका सेतिया 'अनु '
कोई अवतार ना आएगा
Mahesh Ojha
/ आसान नहीं है सबको स्वीकारना /
Dr.(Hnr). P.Ravindra Nath
भारत
Shashi Mahajan
रमेशराज के विरोधरस के दोहे
कवि रमेशराज
मानव तन
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
धार्मिक सौहार्द एवम मानव सेवा के अद्भुत मिसाल सौहार्द शिरोमणि संत श्री सौरभ
World News
चन्द्रमाँ
Sarfaraz Ahmed Aasee
sp60 बुनियाद भावनाओं की
Manoj Shrivastava
यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर– राम गीत।
Abhishek Soni
किताब में किसी खुशबू सा मुझे रख लेना
Shweta Soni
वादा
Ruchi Sharma
एक पेड़ का दर्द
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ये ज़िंदगी डराती है, डरते नहीं हैं...
Ajit Kumar "Karn"
शंकर आदि अनंत
Dr Archana Gupta
😢
*प्रणय*
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-146 के चयनित दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि (स्मारिका)
Dr. Narendra Valmiki
श्रम बनाम भ्रम
Jyoti Pathak
कोई तो मेरा अपना होता
Juhi Grover
श्री राम जी अलौकिक रूप
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ख़ुश-कलाम जबां आज़ के दौर में टिक पाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गुम हो जाते हैं साथ चलने वाले, क़दम भी कुछ ऐसे।
Manisha Manjari
*यार के पैर जहाँ पर वहाँ जन्नत है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
My luck is like sand
VINOD CHAUHAN
माहौल में
Kunal Kanth
पता नही क्यों लोग चाहत पे मरते हैं।
इशरत हिदायत ख़ान
"मिजाज"
Dr. Kishan tandon kranti
*धर्मपत्नी श्रीमती मंजुल रानी को जन्मदिन की बधाई (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...